BA Semester-2 Political Science - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2724
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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 4
राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम

(Approaches to the Study of Political Science)

ईसा पूर्व छठी सदी में लगभग द्वितीय महायुद्ध से पूर्व तक जिस राजनीतिक दृष्टिकोण (Political Approch) का प्रचलन रहा है, उसे अध्ययन सुविधा की दृष्टि से 'परम्परागत राजनीतिक दृष्टिकोण' कहा जाता है। इसे आदर्शवादी या 'शास्त्रीय दृष्टिकोण' भी कहा जाता है।

परम्परागत राजनीतिक सिद्धान्त के निर्माण व विकास में अनेक राजनीतिक विचारकों का योगदान रहा है यथा - प्लेटो, अरस्तू, सिसरो, सन्त ऑगस्टाइन, एग्विनास, लॉक, रूसो, मॉन्टेस्क्यू, कान्ट, हीगल, ग्रीन आदि। आधुनिक युग में भी अनेक विद्वान परम्परागत दृष्टिकोण के समर्थक माने जाते हैं; जैसे-लियो स्ट्रॉस, ऐरिक, वोगोलिन, ऑकसॉट, हन्ना, आरेण्ट आदि।

पारम्परिक दृष्टिकोण मूल्य आधारित है और राजनीतिक घटनाओं के अध्ययन के लिए मूल्यों को शामिल करने पर जोर देता है। प्लेटो से लेकर काण्ट, हीगल ग्रीन तक राजनीतिक सिद्धान्तों को सदैव आचारशास्त्र या दर्शनशास्त्र के एक अंग के रूप में तात्कालिक राजनीतिक समस्याओं का स्थायी एवं शाश्वत समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध मानते थे। उन्होंने मानव जीवन और समाज के लक्ष्यों और मूल्यों की ओर अपना ध्यान लगाया। उनके विचार व्यक्तिगत दृष्टिकोण, चिन्तन, कल्पना या आध्यात्मवादी सिद्धान्तों से उदित हुए हैं। शाश्वत एवं उच्चस्तरीय तत्त्वों से सम्बद्ध होने के कारण उनकी चिन्तन प्रणाली तार्किक और निगमनात्मक है।

एक लम्बे अर्से तक तुलनात्मक अध्ययन के लिए ऐतिहासिक विवरणात्मक प्रणाली का ही उपयोग होता रहा। इस प्रणाली का सार यह है कि अतीत की घटनाओं को एक किया जाए तथा विभिन्न घटनाओं और तथ्यों का परीक्षण करके कुछ सामान्य निष्कर्ष निकाले जाए।

ऐतिहासिक विधि प्रयोगात्मक विधि का पूरक है। गिलक्राइट टिप्पणी करते हैं, “राजनीति' विज्ञान के प्रयोगों का स्त्रोत इतिहास है, वे अवलोकन और अनुभव पर आराम करते हैं।

सरकार के रूप में हर बदलाव, हर कानून पारित, लड़ा गया हर युद्ध राजनीति विज्ञान में एक प्रयोग है लास्की के अनुसार, "राजनीति विज्ञान का अध्ययन, राज्यों के इतिहास में अनुभव के परिणामों को संहिताबद्ध करने का प्रयास होना चाहिए। राजनीतिक संस्थान बनने के बजाय बढ़ते हैं। वे इतिहास की देन हैं और उन्हें जानने के लिए कि वे वास्तव में हैं, हमें उन सभी शक्तियों के विकास को समझना चाहिए जिन्होंने हमारे निष्कर्ष अनिश्चित रहते हैं, यदि वे ऐतिहासिक विश्लेषण पर नहीं बने हैं।

कोहन के कथनानुसार सिद्धान्त शब्द एक खाली चैक के समान है जिसका सम्भावित मूल्य इसके प्रयोग कर्त्ता तथा उसके द्वारा इसके उपयोग पर निर्भर है। किसी कथन को सिद्धान्त कहकर कभी-कभी तो उसका मूल्य बढ़ाया जाता है। इससे यह प्रमाणित होता है कि यह सिर्फ तथ्य ही नहीं बल्कि उससे कुछ ज्यादा है। कभी इसका मूल्य गिरते हुए इस वास्तविकता से भी असम्बद्ध कर दिया जाता है। सिद्धान्त का मूल्य तभी होता है। जबकि वह तथ्यों से ऊपर निकल जाए तथ्यों का सम्बन्ध किन्हीं गणित विशेष घटनाओं के सत्य होने से है। जबकि सिद्धान्त में उस प्रकृति की वे सभी घटनाएँ आ जाती हैं जो घट चुकीं घट रही हैं अथवा घटेंगी।

दार्शनिक दृष्टिकोण राजनीति का अध्ययन करने का एक अन्य पारम्परिक या शास्त्रीय दृष्टिकोण है। दर्शन की कई परिभाषाएँ हैं और ऐसी ही एक परिभाषा है, “दर्शन सभी ज्ञान और 'अस्तित्व में निहित सत्य या सिद्धान्तों का अध्ययन या विज्ञान है। इसका अर्थ है कि दर्शन या दार्शनिक दृष्टिकोण राजनीतिक घटनाओं या घटनाओं की सच्चाई को खोजने का प्रयास करना है।"

मानक शब्द लैटिन शब्द नोर्मा से लिया गया है, जिसका अर्थ है उपदेश नियम बढ़ई का वर्ग। मानदण्ड शब्द का अर्थ है सामान्य, विशिष्ट या मानक वस्तु। मानदण्ड- मानदण्ड या मानक से सम्बन्धित है। नियामक दृष्टिकोण का केन्द्रीय विचार है- विषय को मानक रूप से देखा और विश्लेषण किया जाता है कि कुछ मानक, नियम हैं, जिन्हें राजनीति विज्ञान में अपना आवेदन मिलना चाहिए।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
  2. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
  6. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
  10. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
  14. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
  18. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
  22. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
  26. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
  30. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
  34. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
  38. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 दण्ड
  42. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 स्वतंत्रता
  46. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 समानता
  50. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय - 14 न्याय
  54. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
  58. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
  62. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला
  65. अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
  66. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  67. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  68. उत्तरमाला
  69. अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
  70. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  71. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  72. उत्तरमाला
  73. अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
  74. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  75. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  76. उत्तरमाला
  77. अध्याय - 20 वैश्वीकरण
  78. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  79. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  80. उत्तरमाला
  81. अध्याय - 21 मानवाधिकार
  82. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  83. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  84. उत्तरमाला
  85. अध्याय - 22 नारीवाद
  86. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  88. उत्तरमाला
  89. अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
  90. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
  94. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  96. उत्तरमाला
  97. अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
  98. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  99. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  100. उत्तरमाला
  101. अध्याय - 26 राजनीतिक दल
  102. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. अध्याय - 27 दबाव समूह
  106. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  107. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  108. उत्तरमाला
  109. अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
  110. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  111. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  112. उत्तरमाला
  113. अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
  114. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  115. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  116. उत्तरमाला
  117. अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
  118. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  120. उत्तरमाला
  121. अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
  122. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  123. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  124. उत्तरमाला
  125. अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
  126. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  127. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  128. उत्तरमाला

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